आज कल भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी के साथ ही अवयवस्थित जीवन शैली ही अनेक रोगो का एहम कारण बन गई है। अगर अपनी जीवन शैली में थोड़ा सा भी बदलाव कर दिया जाये तो हम हमारे शरीर को अनेक रोगो से मुक्ति दिला सकते है। इस लेख के जरिये हम आपको बताने वाले है स्वस्थ रहने के कुछ सुनहरे नियम। जो की आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है।
15 सुनहरे नियम
- आज कल चरम रोग बहुत तेजी से बढ़ रहे है और पेट के रोग भी और इसका मूल कारण है दूधयुक्त चाय और इसके साथ लिए जाने वाला नमकीन है।
- अगर कोई व्यक्ति ज्यादा कासी हुई टाई बांधता है तो इससे आँखों की रोशनी पर नकारत्मक प्रभाव पड़ता है।
- पढ़ते वक़्त कभी भी ज्यादा ना झुके इससे फेफड़े, रीढ़ की हड्डी और आँख की रौशनी पर बुरा असर पड़ता है।
- अधिक फ्रीज किये गए प्रदार्थो के सेवन से बड़ी आंत सिकुड़ जाती है।
- अगर भोजन के तुरंद बाद आप स्नान करते है तो इससे आपकी पाचन शक्ति मंद हो जाती है।
- भोजन करने के तुरंत बाद पानी ना पिए। अगर आप भोजन करने के तुरंत बाद पानी पीते है तो यह गंभीर रोगो को न्योता देता है।
- पेट बाहर निकलने का सबसे बड़ा कारण यह है की खड़े होकर या कुर्सी मेज पर बैठ कर खाना और तुरंत बाद पानी पीना है। भोजन सदैव जमीन पर बैठ कर करें। ऐसा करने से आवश्यकता से अधिक खा नहीं पाएंगे।
- भोजन करने के बाद हाथ धो कर आँखों पर लगाए। ऐसा करने से आँखों को ठंडक पहुंचेगी।
- स्नान करने से पहले एक गिलास पानी रोजाना पिए। ऐसा करने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या दूर रहेगी।
- स्नान करने की क्रिया हमेशा सर से शुरू करे। अगर बाल न धोने हो तो मुँह से करे।
- नहाने के पहले सोने से पहले एवं भोजन कर चुकने के पश्चात मूत्र त्याग अवश्य करे। यह अनावश्यक गर्मी, कब्ज और पथरी से बचा सकता है।
- कभी भी एक बार में पूर्ण रूप से मूत्रत्याग न करें बल्कि रूक रुक कर करें। यह नियम स्त्री पुरुष दोनों के लिए है ऐसा करके प्रजनन अंगों से सम्बंधित शिथिलता से आसानी से बचा जा सकता है।
- अगर आप खड़े होकर मूत्र त्याग करते है तो इससे रीढ़ की हड्डी के रोग होने की सम्भावना रहती है। इसी प्रकार खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों के रोग ऑर्थरिटिस आदि हो जाते हैं।
- अधिक रात्रि तक जागने से प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है।
- जब भी कुल्ला करें आँखों को अवश्य धोएं। अन्यथा मुह में पानी भरने पर बाहर निकलने वाली गर्मी आँखों को नुकसान पहुचायेगी।
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