हर बार की तरह इस साल भी बॉग्लादेश से बकरीद पर एक तस्वीर वायरल हुई है जिसमें एक छोटी बच्ची एक सडक पर खडी है जो लाल रंग के पानी से भरी हुई है पत्रकार का कहना है कि ये बकरीद पर काटे गये जानवरों का खुन है जो बारिश के जलभराव के कारण लाल हो गया है। इस फोटो के कारण बहस छिड गई है कि इतने बडे पैमाने पर जानवरों के कत्ल पर लोग इस्लामी त्योहार और रीति रिवाजों पर सवाल उठाने लगे है।
विवाद का कारण
जबसे यह तस्वीर फेसबुक पर डाली गई है तभी से इसके सही और गलत को लेकर विवाद गर्माता जा रहा है। कई लोगों ने इस तस्वीर को नकार दिया है और कहा है कि यह इस्लाम को बदनाम करने की साजिश है। कई लोगो का कहना है कि यह तस्वीर फोटोशाप द्वारा तैयार कि गई है। लेकिन कई लोग दबी जुबान से यह भी कह रहे है कि यह हकीकत है बॉग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है और बकरीद ऐसा त्यौहार है जब हर घर में कुर्बानी दी जाती है और इसमें ऐसा होना आम बात है।
वायरल हाने का सच
यह फोटो बॉग्लादेश के नासिफ इम्तियाज ने अपने फेसबुक अकाउंट पर अन्य तस्वीरों के साथ साझा कीया था लेकिन कई युजर्स ने इस तस्वीर को फेक बताया और कहा कि यह तस्वीर फोटाशॉप द्वारा तैयार की गई है इसके जवाब में पत्रकार नासिफ ने अपने बयान में कहा है कि यह तस्वीर बिलकुल असली है इसके साथ किसी भी तरह की कोइ छेडछाड नहीं की गई है। साथ ही उन्होनें उस बच्ची की और तस्वीर भी शेयर की है जिसमें वह उसी जगह पर और भी बच्चों के साथ खेल रही है। । साथ ही उन्होंने एक विडियो भी शेयर किया है जहॉ वो उसी जगह पर घुम रहे है जहॉ पर यह तस्वीर ली गई है।
क्यों दी जाती है बकरीद पर कुरबानी
इस्लाम धर्म के अनुसार एक बार हजरत इब्राहिम से खुदा ने अपनी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी करने का हुक्म दिया क्योंकि हजरत इब्राहिम को अपना बेटा इस्माईल सबसे ज्यादा प्रिय था इसलिये उन्होंने उसे ही कुर्बानी के लिये चुना लेकिन अपने सबसे प्यारे बेटे की कुर्बानी के वक्त उन्होनें अपनी ऑखों पर पट्टी बॉध ली । कुर्बानी के बाद जब उन्होंने अपनी पट्टी खोली तो उनका बेटा उनके सामने जिंदा खडा था और उसकी जगह एक दुम्बा ; भेड जैसा जानवर पडा था और उसी दिन से इस दिन से कुर्बानी देने की प्रथा चली आ रही है।
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