धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन की देवी के उत्सव का प्रारंभ होने की ख़ुशी में इस दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। जैसा की हम सब जानते है की धनतेरस को त्रयोदशी एवं धन्वन्तरी त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। हमारे हिन्दू धरम में ऐसी मान्यता है की समुद्र मंथन के समय कलश के साथ माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ उसी के प्रतीक के रूप में ऐश्वर्य वृद्धि, सौभाग्य वृद्धि के लिए बर्तन खरीदने की परम्परा शुरू हुई।
धनतेरस तिथि का मान 04 नवम्बर 2018 दिन रविवार को रात में 12:51 बजे से 5 नवम्बर 2018 दिन सोमवार की रात 11:17 बजे तक है। अर्थात धनतेरस तिथि अर्थात धन त्रयोदशी तिथि 05 नवम्बर 2018 दिन सोमवार को सूर्योदय से रात 11:17 तक रहेगा। अतः गृहोपयोगी सामान धनतेरस तिथि के स्थिर लग्न में खरीदना उत्तम होता है। इस दिन सम्पूर्ण दिन उत्तरा हस्त नक्षत्र, विष्कुम्भ योग एवं वज्र योगा व्याप्त रहेगी। धनतेरस के दिन हर कोई चाहता है कि माँ लक्ष्मी उन पर असीम कृपा बनाये रखे।
धनिया के बीज
गौरतलब है की अधिकतर लोग धनतेरस के पावन पर्व पर सोना चांदी खरीदते है। लेकिन जिस को खरीदने की परंपरा है वो कोई नहीं जानता। पुराणों के हिसाब से धनतेरस के दिन धनिया के बीज खरीदने की परंपरा है। धनतेरस के दिन धनिया खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। धनिया के बीज खरीदना समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
धनतेरस के मौके पर बाज़ार से साबुत धनिया खरीद कर लाये। और उसी दिन माँ लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि के चरणों में रखे। इसी के साथ में भगवान से मनोकामना करे की आपको धन का लाभ हो। ऐसा करने के बाद धनिया के बीज को प्रसाद सवरूप वितरित कर दे।
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