पहलवान नरसिंह यादव को उनके खाने और पेय पदार्थो में मिलावट करने के कारण भारतीय कुश्ती संघ द्वारा 4 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। खबरों के मुताबिक नरसिंह यादव ने सुशील कुमार को राष्ट्रीय पर्यवेक्षक बनाए जाने पर विरोध जताया है। नरसिंह ने खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर सुशील कुमार की नियुक्ति पर गंभीर आरोप लगाकर विरोध किया है।
नरसिंह ने पिछले सप्ताह ही खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर यह गंभीर सवाल उठाया कि सुशील को कैसे राष्ट्रीय पर्यवेक्षक बना सकते हैं, जबकि वह छत्रसाल स्टेडियम अखाड़े में पहलवानों को तैयार करने से जुड़े हुए हैं। यह अखाड़ा उनके ससुर पहलवान सतपाल सिंह चलाते हैं।
भारतीय कुश्ती संघ के एक अधिकारी ने यह बताया है की, नरसिंह ने कहा कि सुशील के राष्ट्रीय पर्यवेक्षक बनने पर वो छत्रसाल के अपने शिष्यों का पक्ष अवश्य ले सकते हैं। साथ ही नरसिंह ने यह दावा किया की – अखाड़े में पहलवानों को प्रशिक्षण देना और राष्ट्रीय पर्यवेक्षक होना हितों का गंभीर टकराव है।
सुशील ने भारत के लिए ओलंपिक में दो पदक भी जीते है। जिन्हें खेल मंत्री ने इस साल अपने खेलों का राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। पहलवान नरसिंह यादव का कहना है की सुनील को कैसे राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया जा सकता है जबकि रियो ओलंपिक से पहले उनके खिलाफ गड़बड़ी करने के आरोप भी लगे थे। जबकि अधिकारीयों ने दावा किया है कि, ‘नरसिंह ने ओलंपिक से पहले कथित तौर पर उनके खाने और पेय पदार्थो में मिलावट करी। जिसके चलते भारतीय कुश्ती संघ द्वारा 4 साल के लिए निलंबित कर दिया गया।
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