कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि नौकरशाही के ढुलमुल रवैये की वजह से केंद्र में करीब चार लाख पद वर्षों से खाली पड़े हैं। खास बात यह है कि ग्रुप ए के अधिकारी वर्ग में ही 15 हजार से अधिक पद रिक्त हैं।
एक तरफ जहां केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बेरोजगार युवाओं को नौकरी उपलब्ध नहीं करा पाने पर आलोचनाएं झेल रही है, वहीं सरकार अब ऐसे पदों को भी समाप्त करने पर विचार कर रही है जो पांच साल से ज्यादा लंबे वक्त से खाली पड़े हैं। मोदी सरकार ने इसके लिए सभी मंत्रालयों तथा विभागों को व्यापक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। वित्त मंत्रालय ने एक कार्यालय ज्ञापन में कहा कि उसने सभी मंत्रालयों तथा विभागों से पांच साल से खाली पड़े पदों को समाप्त करने के लिये कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा है। कुछ विभागों तथा मंत्रालयों ने जवाब दिया लेकिन कुछ ने व्यापक रिपोर्ट देने के बजाए महज जरूरी सूचना उपलब्ध करा दी है।
16 जनवरी 2018 को भेजे कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, ‘‘इसीलिए सभी मंत्रालयों, विभागों के वित्तीय सलाहकारों तथा संयुक्त सचिवों से अनुरोध है कि वे मंत्रालयों या संबंधित विभागों उन पदों को चिन्हित करें जो पांच साल से अधिक समय से खाली हैं तथा इन पदों को समाप्त करने के लिये एक व्यापक रिपोर्ट दें।’’ शुरुआती अनुमान के अनुसार केंद्र सरकार में कई हजार पद पांच साल या अधिक समय से खाली पड़े हैं।
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बता दें कि कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि नौकरशाही के ढुलमुल रवैये की वजह से केंद्र में करीब चार लाख पद वर्षों से खाली पड़े हैं। खास बात यह है कि ग्रुप ए के अधिकारी वर्ग में ही 15 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। संसद में भी केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया था कि केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में चार लाख से ज्यादा पद खाली हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि एक मार्च 2016 की स्थिति के अनुसार केंद्र सरकार में असैन्य कर्मचारियों के कुल 36.34 लाख पद स्वीकृत हैं जिसमें से 32.21 लाख पद ही भरे हुए हैं। इस तरह केंद्र सरकार में 11.36 प्रतिशत पद यानी करीब चार लाख पद खाली हैं।
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source; jansatta.com
https://www.youtube.com/watch?v=s7uxm76eUeA&feature=youtu.be
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