अशोक के पेड़ को वास्तुशास्त्र में सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। अशोक के पेड़ को घर के बाहर लगाने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं कर पाती है और हमेशा घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार अशोक का वृक्ष घर की उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। जिससे गृह में सकारात्मक ऊर्जा का संचारण बना रहता है। घर में अशोक के वृक्ष होने से सुख, शांति एवं समृद्धि बनी रहती है एंव अकाल मृत्यु नहीं होती है।
अशोक का वृक्ष लगाने से परिवार की महिलाओं को शारीरिक व मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है। साथ ही यदि महिलायें अशोक के वृक्ष पर प्रतिदिन जल अर्पित करती रहे तो उनके वैवाहिक जीवन में सुखद वातावरण बना रहता है। जिससे परिवार की ही वृद्धि होती है।
घर के बाहर दरवाजे पर अशोक के पत्तों की बंदनवार बांधने से नकारात्मक ऊर्जा घर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाती और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है ।
जो छात्र बहुत पढ़ते है परन्तु कुछ समय बाद वह सब भूल जाते है। उनके लिए अशोक का वृक्ष अंत्यत लाभकारी सिद्ध होता है इसके लिए अशोक की छाल तथा ब्रहमी समान मात्रा में सुखाकर उसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1-1 चम्मच सुबह शाम एक गिलास हल्के गर्म दूध के साथ सेवन करने से शीर्घ ही लाभ मिलेगा।
जानिए अशोक पेड़ के अन्य प्रयोग
किसी अच्छे मुर्हूत मे मौन स्थति में रहते हुए अशोक के वृक्ष की जड़ को निकाल के गंगा जल से शुद्ध करके घर में तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रखने से आपके घर में धन की स्थिति पहले की अपेक्षा बहुत सुदृढ़ हो जाती है।
अशोक वृक्ष के फलों को मंगलवार के दिन हनुमान जी को अर्पित करने से मंगल ग्रह की पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है।
यदि किसी कन्या का विवाह नहीं हो रहा और परिवार के सदस्य काफी चिन्तित एवं परेशान है तो अशोक वृक्ष उनके लिए सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है वह लोग यह उपाय कर सकते है। अशोक वृक्ष की जड़ तथा पत्तो को जल में डाल कर उस कन्या को स्नान कराये । ध्यान रखें कि पत्ते व जड़ जल से बाहर न गिरे। स्नान करने के पश्चात इन पत्तों को पीपल वृक्ष के डाल दे। यह प्रयोग कम से कम 41 दिन तक अवश्य करें। यह उपाय शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार से ही प्रारम्भ करें। ऐसा करने से शीघ्र ही उस कन्या का विवाह निश्चित हो जायेगा।
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