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हरियाणा की यह छोरी दिखा रही है WWE की रिंग में अपना कमाल

डब्ल्यु डबल्यु इ चैम्पियनशिप में खली के बाद भारत की एक महिला पहलवान ने भी अपना दमखम दिखाया है। भारतीय समाज में कुश्ती, पहलवानी जैसे खेल केवल पुरूषों के लिये ही खुले हुये है और महिलाओं के लिये इसमें काफी सामाजिक पाबंदिया लगा रखी है। लडकियों को ऐसे दम खम वाले खेलों से दुर ही रखा जाता है और अगर कोई महिला इन खेलों में अपना भविष्य बनाना चाहती है तो समाज द्वारा उसे हतोत्साहित किया जाता रहा है। लेकिन पिछले कुछ सालों में कुछ महिलाओं ने समाज की परवाह ना करते हुये इन खेलों में देश का नाम रोशन किया है। इन महिलाओं की सूची में नया नाम है हरियाणा की कविता देवी का जिन्होनें 34 वर्ष की उम्र में डब्ल्यु डबल्यु इ की अर्तराष्ट्रीय स्तर पर फाईट लडी है।

आत्महत्या करने की सोच ली थी
आज कविता देश विदेश में बडा नाम बन चुकी है लेकिन एक समय ऐसा भी आया था जब उन्होनें दुनिया से हारकर आत्महत्या करने की सोच ली थी। कविता का जन्म 8 अप्रेल 1985 को हरियाण के भिवानी जिले में हुआ था। भिवानी को आज भारत के बाक्सिंग गढ के रूप में जाना जाता है और प्रोफेशनल बाक्सर विजेन्दर सिंह भी इसी कस्बे से निकले है। इसलिये इस जिले में खेलों को लेकर लोगों में खासा लगाव है। इसका फायदा कविता देवी को भी मिला उन्हानें भी खेलों में अपना कैरियर बनाने की सोच ली थी।

कई मेडल जीत चुकी है देश के लिये
इन्होनें खेल के रूप में शुरूआत में वेटलिफ्टिंग को चुना। और देश विदेश में इन्होनें कई मेडल जीते। इन्होनें आयरलैंड में हुए पुलिस गेम में गोल्ड मैडल भी जीता। सालों तक इन्होनें वेटलिफ्टिंग में नाम कमाया। लेकिन शादी और बच्चा होने के बाद धीरे धीरे इनके और खेल के बीच दूरी सी आ गयी। भारत में शादी के बाद एक औरत से यही उम्मीद की जाती है वह अपने सपनों को भूलकर केवल खाना बनाये या बच्चों को पाले। उनके पति और ससुराल वाले भी यही चाहते थे। इस कारण एक बार उन्होनें अपनी जान देने की भी कोशीश की थी।

महाबली खली से ली है ट्रेनिंग
लेकिन जहां चाह होती है वहां राह जरूर निकलती है। कविता देवी की खेलों के प्रति दिवानगी थी इसलिये उन्होनें अपने घर वालों को मनाया। और एशियन गेम्स में भाग लिया जहां उन्होनें सिल्वर मैडल जीता। इसके बाद उनका ध्यान रेसलिंग की तरफ गया। इसके लिये उन्होनें भारत के महान डब्ल्यु डब्ल्यु इ खिलाडी महाबली खली  से ट्रेनिंग ली। इनके प्रदर्शन को देखते हुये इन्हें 2013 में अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।

wwe के रिंग में लडने वाली भारत की पहली महिला रेसलर है
हाल ही में उन्हें डब्ल्यु डब्ल्यु ई की अर्तराष्ट्रीय चैम्पियनशिप में फाईट करने का मौका मिला है। वह भारत की पहली महिला रेसलर है जिसने डब्ल्यु डब्ल्यु इ के साथ करार किया है। इस फाईट में उनका सामना न्युजीलैंड की डकोटा काई से हुआ था। इस मैच में उन्होनें डकोटा की खुब पिटाई की। उन्होनें उसे अपनी मजबुत भूजाओं के बल पर हवा में टांग दिया था। हालांकि वह यह मैच हार गई लेकिन दर्शको ने उनके मुव्स और उनकी ताकत के लिये खुब समर्थन दिया।

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