जैसा कि हम जानते है कि हमारे शरीर में कंकाल तंत्र बहुत ही अहम भूमिका निभाती है। हड्डिया हमारे शरीर को एक ढांचा और सरंचना प्रदान करती है। इसके साथ ही यह शरीर में कुछ महत्वपूर्ण अंगों की सुरक्षा भी करती है। हड्डियां कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसी खनिजों के भंडारण व मांसपेशियों को गति प्रदान करने के लिए भी सहायक है।चाहे वो बचपन हो या बुढ़ापा इस अवस्था में हमें कई तरह के बदलाव देखने को मिलते है।
जब इंसान 30 की उम्र तक अस्थि द्रव्यमान घनत्व अपने चरम पर पहुंच जाता है। जिसके बाद में एकत्रित होने की तुलना में इस द्रव्यमान की मात्रा हड्डियों में धीरे धीरे कम होने लगती है। यही कारण है जिसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस की स्थिति उत्पन्न होने लगती है। जिसका विकास उम्र बढ़ने के साथ साथ होता जाता है। इसमें अस्थियां कमजोर एवं भंगुर हो जाती है। अगर ऐसे में हड्डी किसी कारणवश टूट जाए तो उसे वापस जोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है।
हाल ही में आकड़ो के हिसाब से पता लगा है कि 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों में हड्डियों के आसानी से टूट जाने की प्रवृत्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि दो में से एक महिला और चार में से पुरुष में हड्डी महज इसी वजह से टूट जाती है। इसका मुख्य कारण है कि वे ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार है। ऐसे में इनकी सही देखभाल करना बहुत ही जरुरी है।
ऐसे बहुत से जोखिम भरे कारक है जिससे समय से पहले ही लोग इस रोग के शिकार हो जाते है। रोजाना के आहार में कैल्शियम या विटामिन डी में कमी होना, बहुत ही कम शारीरिक गतिविधि, वजन का बहुत कम होना, नशीले प्रदार्थ का सेवन, हार्मोन का अनियमित स्तर और कुछ निश्चित दवाइयों का सेवन ऑस्टियोपोरोसिस को वक्त से पहले ही दावत दे सकता है।
किन चार बातों का रखे ख़ास ख्याल:
- अगर आप इस परेशानी से बचना चाहते है तो कैल्शियम और विटामिन डी जैसे खाद्य और पेय पदार्थो में शामिल करना एक बहुत ही अच्छा कदम है। जैसे कि कम वसायुक्त दुग्ध उत्पाद यानी कि टोफू या सोया मिल्क, हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, सैमन जो कि एक प्रकार की मछली है, बादाम इत्यादि को अपने दैनिक आहार में जरूर ले। अपने शरीर को हफ्ते में दो से तीन बार दस से पंद्रह मिनट के लिए एक बार धुप जरूर दिखाए। जैसा कि हम जानते है सूरज की रोशनी विटामिन डी का एक बहुत ही अच्छा स्त्रोत है। इसके अलावा फोर्टीफाइड दूध, अनाज, सैमन, टूना मछली, झींगा या ओऐस्टर में भी विटामिन डी की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
- रोजाना कम से कम आधे घंटे के लिए शारीरिक कसरत जरूर करे। ऐसा करने से हड्डियां एवं मांसपेशियां मजबूत होती है।
- तम्बाकू एवं शराब के सेवन का त्याग कर दे।
- उम्र बढ़ने पर अस्थियों में द्रव्यमान के घनत्व की जांच नियमित तौर पर कराएं।
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