गर्भावस्था

प्रेग्नेंसी में अगर ज्यादा फैट लिया, तो हो सकता है इस बीमारी का खतरा

प्रेग्नेंसी में अगर ज्यादा फैट लिया, तो हो सकता है इस 1 नइलाज बीमारी का खतरा

एक औरत के लिए माँ बनने का अहसास ही अनोखा होता है। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अपने खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे को पोषण जो गर्भवती महिला खाती हैं वही मिलता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ आहार का सेवन करना अति आवश्यक होता है

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प्रेग्नेंसी में कैसा होना चाहिए आहार की प्रक्रिया का चार्ट

गर्भावस्था के दौरान बच्चे और प्लेसेंटा के विकास के लिए प्रोटीन युक्त आहार जरूर लेना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान जी मिचलाने और थकान एक आम बात है लेकिन बच्चे और प्लेसेंटा के विकास के लिए प्रोटीन युक्त आहार जरूर लेना चाहिए। इससे जी मिचलाने और थकान से भी लड़ने में आसानी होती है महिला को कितना प्रोटीन लेना चाहिए, यह महिला के वजन पर निर्भर करता है। सी फूड, लीन मीट, दाल, अंडा, दूध, बीन्स, अनसाल्टेड नट और सीड्स इसका अच्छा स्रोत है। 90 प्रतिशत गर्भवती भारतीय महिलाओं में प्रोटीन की कमी है। प्रोटीन की मात्रा या कमी से संबंधित जानकारी के लिए पोषण विशेषज्ञ से संपर्क करें। चिकित्सक भी प्रोटान से संबंधित खुराक के बारे में बता सकते हैं।

ज्यादा वसा युक्त आहार कर सकता है कैंसर

अमेरिका में हुए एक नए अध्ययन में पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान लिया गया वसायुक्त आहार तीन पीढ़ी तक की संतानों में स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने गर्भवती मादा चुहिया को सामान्य मक्के के तेल से बना वसायुक्त खाना दिया।
इससे उसके अंदर आनुवांशिक बदलाव देखे गए, जो काफी हद तक अगली तीन पीढ़ी की मादा संतानों में स्तन कैंसर की आशंका को बताता है। अमेरिका में जॉर्जटाउन लांबार्डी कॉम्प्रिहेंसिव कैंसर सेंटर की प्रो. लीना हिलाकिवी क्लार्के ने बताया कि यह अध्ययन गर्भवती महिलाओं में भोजन की परख के संबंध में सुझाव देता है।

हिलाकिवी क्लार्के ने कहा, ऐसा माना जाता है कि पर्यावरणीय कारक और भोजन जैसे जीवनशैली कारक मानव जाति में स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए महिलाओं और उनकी संतानों में इस खतरे में इजाफा के लिए जिम्मेदार जैविक तंत्र के खुलासे के लिए हमने पशु मॉडल का इस्तेमाल किया।

इससे पहले हुए अध्ययनों में उन्होंने पाया कि जिन चुहियों ने गर्भावस्था के दौरान अधिक वसायुक्त भोजन किया था उनकी मादा संतानों में स्तन कैंसर का खतरा अधिक था। यह अध्ययन ‘ब्रेस्ट कैंसर रिसर्च’ में प्रकाशित हुआ है।

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