इस बात से भला कौन बेखबर है कि आधुनिक जीवन में प्रदुषण एक बहुत बड़ी समस्या है। प्रदुषण दिन प्रतिदिन बढे जा रहा है और समस्याए बढ़ती जा रही है। अब तो हाल ऐसा हो गया है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से सेहत को खतरा बढ़ गया है। कहा जा रहा है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से कई लोगो की सेहत को बहुत ही गंभीर रूप से नुकसान पहुंच रहा है। हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने एक लिस्ट जारी की है।
लिस्ट में यह बात साफ़ हुई है कि वायु प्रदुषण और बदलते मौसम की वजह से सेहत को बहुत खतरा होने वाला है इस साल। खबरों के मुताबिक यह भी पता लगा है कि वायु प्रदुषण से सेहत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचेगा।हवा में कुछ ऐसे वैशिले तत्व मौजूद है कि जिसकी वजह से हमारे शरीर के कई महत्वपूर्ण हिस्सों को खतरा पहुंच सकता है और डैमेज हो सकते है। सूत्रों के मुताबिक पता लगा है कि सांस के जरिये वह प्रदूषित तत्व फेफड़ो, दिल, दिमाग को बुरी तरह से डैमेज कर सकते है।
इस साल बढ़ रहा है वायु प्रदूषण का खतरा! क्या अब सांस लेने के लिए भी सोचना पड़ेगा
एक रिपोर्ट के जरिये यह बात भी साफ़ हुई है कि रोजाना सात मिलियन से अधिक लोगो की मौत कैंसर, स्ट्रोक। दिल और फेफड़ो की बीमारी के कारण से हो रही है।एक और बात रिपोर्ट में शामिल हुई है कि इनमे से 90 फीसदी मौते कम से कम मध्य आय वाले देशो में होती है। वजह यह है कि जहा इंडस्ट्री, गाड़ियों, खेती और घरो से निकलने वाली गैसों की वजह से होती है।इसी के साथ एक रिपोर्ट में वायु प्रदुषण का एक अहम कारण फ्यूल को माना गया है।
जब फ्यूल जलता है तो उसकी वजह से कई लोगो की सेहत पर नुकसान पहुँचता है। रिपोर्ट्स के जरिये यह पता लगा है कि साल 2030 और 2050 में पर्यावरण में हो रहे बदलाव के चलते समय से पहले मौत का आकड़ा बढ़ सकता है। इस साल सितंबर के महीने में यूनाइटेड नेशन क्लाइमेट समिट होगी। इस समिट में पर्यावरण और प्रदूषण को कम करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।
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