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किसी को न करने दें अपने नवजात को किस

किसी को न करने दें अपने नवजात को किस, चली गई मासूम की जान

किसी को न करने दें अपने नवजात को किस, चली गई मासूम की जान

जब भी घर परिवाए में किसी बच्चे का जन्म होता है तो परिवार के लोग उसे देखने, छूने  के लिए उत्तेजित रहते है।  नवजात बच्चे के जन्म के दौरान कई लोगों का घर आना जाना होता है और नवजात को गोद में उठाते है, उसे छूते हैं और यहां तक कि उसे किस भी कर देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है  करीबियों का ये प्यार  आपके बच्चे की जान ले सकता है।  जी हाँ, नवजात बच्चे को किस करने से जा सकती है उनकी जान।  अगर नहीं होता यकीन  तो जानिए इस घटना के बारे में जान लीजिये।

देस मोइनेस की रहने वाली एक मां निकोल सिफ्रिट इस दर्द से गुजर रही है और  लोगों से अपील कर रही है कि किसी को भी अपने बच्चे को किस न करने दे भले ही वह कितना भी करीबी क्यों न हो। इस मां की अपील के पीछे उसका दर्द है । उसने अपनी बच्ची को एक मात्रा किस करने की वजह से खोया है,  जी हाँ, किस करने की वजह से वायरस चला गया और उसकी जिंदगी चली गई।

निकोल ने 1 जुलाई को मारियाना को जन्म दिया था। मारियाना  के जन्म के बाद मानो उसकी झोली जैसे खुशियों से भर गई थी। मारियाना  के जन्म के बाद वह और मारियाना के पिता शैन 7 जुलाई को शादी करने वाले थे। लेकिन शादी के कुछ ही घंटों बाद निकोल और शैन  ने पाया कि मारियाना ने खाना-पिना बंद कर दिया और वह आंखें नहीं खोल रही है। वे तुरंत शादी के बीच में ही  मारियाना को लेकर अस्पताल दौड़े।

वहा उन्हें पता चला कि उनकी बेटी मरियाना को मेनिनजाइटिस एचएसवी 1 वायरस जो बहुत  खतरनाक बीमारी है। यह बीमारी तब होती है जब ऐसे व्यक्ति से संपर्क होता है जिन्हें कोल्ड सोर वायरस होता है।

पेरेंट्स ने वायरस के लिए टेस्ट किया लेकिन निगेटिव आया। इसका मतलब था कि किसी और से यह वायरस बच्ची में पास हुआ था।

चली गई मासूम की जान

इस बच्ची को यूनिवर्सिटी आफ आयोवा हास्पिटल ले जाया गया और लाइफ सर्पोट पर रखा गया। कई डाक्टरों की टीम को बच्चे को बचाने के प्रयास में लगाया गया था। निकोल ने कहा, ‘वह दवाईयों पर थी ताकि दौरे नियंत्रित किए जा सके। उसका किडनी डायलिसिस चल रहा था और उसके दिल से आक्सीजन लीक हो रही थी।’

डाक्टरों के क़ाफी प्रयास  के बावजूद मारियाना की हालत खराब होती जा रही थी। शैन के मुताबिक, ‘दो घंटे के अंदर, उसने सांस लेना बंद कर दी और उसके सारे आर्गन फेल हो गए।’

मारियाना इतने संघर्षों के बाद 18 जुलाई को हमेशा के लिए चल बसी। मरियाना की आखरी साँस अपने पिता की बांहों में रहते हुए और मां के करीब रही ।

इतने दुःख के साथ निकोल बस सबसे अब यही अपील करती है कि अपने नवजात की देखभाल में जरा कोताही न बरतें। और किसी को भी अपने बच्चे को किस ना करने दे।

 

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