आज के इस लेख में हम आपको बतायेगे कि वर्ष 2018 में कौन कौन से इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स हुए है। और कैसे उन प्रोजेक्ट्स के बदले भारत में चार चाँद लग गए है। आइये जानिए वो कौनसे प्रोजेक्ट्स है। इस साल में बहुत सी ऐसी कमाल की चीजें बनी है जिनको देखना तो बनता है।
वो कौन से पांच आकर्षक नमूने है?
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स्टेचू ऑफ़ यूनिटी
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी की ख़ास बात – यह दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ती है।
ऊंचाई – 182 मीटर
कहा है – नर्मदा जिला (गुजरात )
स्थान– सरदार सरोवर बांध के पास साधुबेट टापू पर
उदघाटन दिनांक– 31अक्टूबर 2018
कुल खर्चा – 2,989 करोड़ रुपये
इसका उद्धघाटन पीएम मोदी ने सरदार पटेल जी के जन्मदिवस पर किया था। यह मूर्ती वी.सुतार की देख रेख में बनी थी। लॉर्सन एंड टर्बो यानी एलएनटी कंपनी ने बनाई थी यह मूर्ती।
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सिग्नेचर ब्रिज
सिग्नेचर ब्रिज की ख़ास बात- इसकी ऊंचाई क़ुतुबमीनार से भी दोगुना ज्यादा है। इसमें एक ऑब्जरवेशन डेक है उससे पूरी दिल्ली देख सकते है।
ऊंचाई- 154 मीटर
कहा है- दिल्ली
स्थान- वजीराबाद में यमुना नदी पर बना है
उदघाटन दिनांक- 4 नवंबर, 2018
कुल खर्चा- 1518.37 करोड़ रुपये
इसका उद्घाटन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने किया था। इसे दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन ने बनाया है।
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सिक्किम एयरपोर्ट
सिक्किम एयरपोर्ट की खासियत– यह देश का 100वां एयरपोर्ट है। एवं यह सिक्किम का पहला एयरपोर्ट है। यह एक पहाड़ी पर बना है। सिक्किम एयरपोर्ट भारत-चीन सीमा से लगभग 60 किलोमीटर दूर है।
कहां है– सिक्किम
स्थान – पाक्यॉन्ग(पाक्किम)
उद्धघाटन दिनांक– 24 सितंबर, 2018
कुल खर्चा– 605 करोड़ रुपये
सिक्किम एयरपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
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असम ब्रिज
असम ब्रिज की खासियत– देश का सबसे लंबा नदी पुल है। इसे धोला-सादिया पुल कहा जाता है। असम के मेका से अरुणाचल प्रदेश के रोइंग की दूरी 165 किलोमीटर कम हो गई है। पहले मेका से रोइंग जाने में 5 घंटे लगते थे। अब एक घंटा लगेगा। रोज़ 10 लाख रुपये का डीज़ल-पेट्रोल भी बचेगा।
लम्बाई– 9.3 किलोमीटर है। मुंबई वाले जिस बांद्रा-वर्ली सी लिंक का भौकाल दिखाते हैं, उससे पूरे पौने-चार किलोमीटर लंबा है यह ब्रिज।
कहां है– लोहित नदी (असम)
स्थान– सदिया
उद्घाटन दिनांक– 26 मई, 2018
कुल खर्चा– 2056 करोड़ रुपये
इसका उद्धघाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
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बोगीबील ब्रिज
बोगीबील ब्रिज की खासियत– देश का सबसे लंबा रेल और रोड ब्रिज है। यह दोमंजिला ब्रिज है जिसपर रेल और बस एक साथ चल सकती हैं। इस पर भारी टैंक और सैनिक साजो सामान आसानी से ले जाया जा सके। 3 लेन की सड़क बनी है। ब्रॉड गेज की 2 रेलवे लाइनें बिछाई गई हैं। असम के डिब्रूगढ़ से अरुणाचल की दूरी कम हो गई है। 120 साल तक सुरक्षित रहेगा पुल। भयानक बाढ़ और बड़े भूकंप के झटकों को भी ये पुल आसानी से सहन कर सकता है।
लम्बाई – 4.94 किलोमीटर
कहां है-असम
स्थान – ब्रह्मपुत्र नदी पर
उद्घाटन दिनांक– 25 दिसंबर, 2018
कुल खर्चा– 4,857 करोड़ रुपये
इसका उद्धघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस ब्रिज को नवयुग इंजीनिरिंग कंपनी लिमिटेड ने बनाया है।
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