अक्सर ऐसा देखा जाता है कि बहुत से लोग अपने घर की छत पर ध्वज लहराते है और बहुत ही शुभ मानते है। लेकिन इस ध्वज को लगाने के कई कारण होते है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में ध्वज लगाने का कुछ और ही कारण और लाभ बताए गए है।
जो ध्वज घर की छत पर लगता है और जो ध्वज रणभूमि में लगता है इन दोनों में बहुत ही फर्क होता है। अवसर के अनुकूल ही रणभूमि में झंडो का इस्तेमाल किया जाता है। रणभूमि में इस्तेमाल करने वाले झंडे होते है: जय, विजय, भीम, चपल, वैजयंतिक, दीर्घ, विशाल और लोल। इन सभी झंडों से संकेत के सहारे सुचना देने वाले होते थे। शाल झंडा क्रांतिकारी युद्ध का तथा लोल झंडा भयंकर मार-काट का सूचक था। महाभारत में प्रत्येक योद्धा का अपना अलग ध्वज होता था।
ध्वज का रंग
यह बात बहुत महत्वपूर्ण है कि झंडे का रंग कौनसा होना चाहिए। घर की छत के ऊपर तीन में से एक रंग का ध्वज लगाना शुभ माना जाता है। गेरू और भगवा रंग एक ही है। लेकिन केसरिया रंग में बहुत ही मामूली सा अंतर है। इसके अलावा तीसरा रंग पीला होता है।
कौनसी दिशा में लगाते है ध्वज
घर के ऊपर के वायव्य कोण में ध्वज लगाते है। अगर आपके घर की दिशा भिन्न और अलग अलग है तो किसी भी वास्तु शास्त्री से पूछ कर ही लगाए।
कैसा होना चाहिए झंडा
घर की छत पर लगाने वाला झंडे पर या तो स्वास्तिक या फिर ॐ बना हुआ केसरिया ध्वज होना चाहिए। दो प्रकार का ध्वज होता है एक त्रिभुजाकार और दूसरा दो त्रिभुजाकार ध्वज। इन दोनों में किसी भी एक का प्रयोग कर सकते है आप घर की छत पर इस्तेमाल करने के लिए।
ध्वज लगाने से क्या होगा
घर की छत पर ध्वज लगाने से यश, कीर्ति और विजय मिलती है। ध्वज या फिर झंडा लगाने से घर में रहने वाले सदस्यों के रोग, शोक एवं दोष का नाश होता है। घर की सुख एवं समृद्धि बढ़ती है।
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