महिलाओ के मेकअप के सामानो में से एक नाम नेलपॉलिश का है। आज कल मार्केट में अलग अलग तरह के नेलपॉलिश के रंग उपलब्ध है। अकसर लड़किया नाखूनों को सूंदर दिखाने के लिए नए नए नेलपॉलिश के रंग इस्तेमाल करती है। लेकिन ऐसे बहुत कम लोग है जो नेलपॉलिश के बुरे प्रभाव से वाकिफ नहीं है।
एक रिसर्च के आधार पर पता लगा है की नेल पोलिश में कई सारे केमिकल्स मिले होते है जो की स्वास्थ्य के लिए बेहद जहरीले और हानिकारक होते है। जब नेल पोलिश टेस्ट के लिए लैब में भेजा तो उसमे फार्मेल्डिहाइड व टोल्यूनि व डीबीपी यौगिकों के होने का पता चला जिन्हें ‘टॉक्सिक ट्रायो के नाम से जानते हैं।कई ब्यूटी पार्लर्स में इस्तेमाल होने वाली नेल पोलिश के ऊपर लिखा रहता है टोक्सिन फ्री लेकिन असल में हो सकता हो उसमे भी जेहरीले केमिकल्स की मात्रा हो।
जब भी कोई लड़की नेल पोलिश ट्राई सोचती है की यह सबसे अच्छा रंग है। मगर कभी आपने सोचा है इसको बनाने में कितने केमिकल्स इस्तेमाल हुए है।नेलपॉलिश लगाते ही नुकसान नहीं करती है। इसके दुष्परिणाम लगाने के कुछ घंटे बाद पता लगते है।
नेलपॉलिश के हमारे शरीर पर हानिकारक प्रभाव होते है। आइये जानते है कैसे
इसमें में ट्रिफेन्यल फॉस्फेट होता है
नेलपॉलिश का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में ट्रिफेन्यल फॉस्फेट जैसा जहरीला पदार्थ पाया गया। खास बात यह है कि नेलपॉलिश के लेबल पर इसका कहीं जिक्र नहीं होता।
इससे दिमाग पर गहरा असर पड़ता है
सबसे बड़ा खतरा उत्पन्न होता है जब यह केमिकल शरीर में प्रवेश कर ह्यूमन सिस्टम में गंभीर बदलाव लाता है। यह खास्तौर पर दिमाग और नर्वस सिस्टम में बदलाव पैदा करता है। यह पेट के पाचन और हॉर्मोन सिस्टम में भी गड़बड़ी पैदा कर देता है।
कैंसर का खतरा बढ़ता है
फॉर्मेलडेय्डे एक तत्व है जो कार्सिनोजेनिक या कैंसर पैदा करने वाला होता है। इसकी मौजूदगी से कैंसर सेल्स बनते हैं।
बच्चे पर प्रभाव डालती है नेलपॉलिश
नेलपॉलिश में टोल्यून नाम का तत्व होता है। यह मां के दूध में सीधे घुस जाता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं से यह बच्चे में जाता है। इससे बच्चे के विकास पर सीधा असर पड़ता है। नेलपॉलिश के इस्तेमाल के 10 घंटे बाद, इसका असर चरम पर होता है।
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