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पेरासिटामोल से हो सकती है यह  पांच घातक बीमारिया

जैसा की हम सब जानते है की पेरासिटामोल के कई सारे फायदे है और कई सारे नुकसान भी है।

  • पैरासीटामॉल एक दर्दनिवारक दवा है।
  • पैरासीटामॉल लेना फायदे से ज्‍यादा नुकसानदेह।
  • लंबे समय तक सेवन बहुत हानिकारक है।
  • त्वचा पर लाल चकत्ते और एलर्जी हो जाती है।

अगर किसी के सिर में मामूली सा दर्द भी होता है तो लोग पेरासिटामोल की गोली ले लेते है। और ऐसा भारी संख्या में रोजाना होता है। लोगो को घर पे खुद का इलाज करना आसान, सस्ता और कम समय में होने वाला लगता है। लेकिन कम समय में मिलने वाली राहत कब नुकसान पहुँचा दे यह कोई नहीं जानता। ऐसा करने से शरीर कई बीमारियों की चपेट में आ जाता है।

अगर कभी आपने गौर किया हो तो पेरासिटामोल के पैकेट के पीछे साफ़ लिखा है कि ज्यादा मात्रा में पेरासिटामोल लेना लिवर को नुकसान पंहुचा सकता है। अगर डॉक्टरों की सलाह माने तो एक दिन में 3 ग्राम से ज्यादा पैरासीटामॉल नहीं लेनी चाहिए और अगर किसी कारणवश लेनी भी पड़े तो पहले अपने डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए।

पेरासिटामोल से होने वाली पांच बीमारिया

  1. सीधा किडनी पर असर

पेरासिटामोल एक दर्द निवारक दवा है लेकिन इसका लम्बे समय  हानिकारक है। अगर आपके पीठ दर्द है और आप बिना डॉ की सलाह के इसका सेवन कर रहे है को यह हानिकारक है।अगर कोई भी व्यक्ति पीठ दर्द को सही करने के लिए पेरासिटामोल का इस्तेमाल कर रहा है तो इसका सीधा असर किडनी पर पड़ता है।

  1. सुस्ती महसूस होना

कई लोगो को पेरासिटामोल लेने के बाद बहुत सुस्ती महसूस होती है।  तो अगर आपके साथ भी ऐसा है तो डॉ से सलाह करे।

  1. लीवर को नुकसान

यदि आप पीलिया या लिवर सम्बंधित किसी भी समस्या से  पीड़ित है। तो बिना डॉ की सलाह के पेरासिटामोल लेना     लिवर को डैमेज पंहुचा सकता है। कई मामलों में लीवर फेलियर के भी चांस होते हैं। कोई भी दवा लेने से पहले डॉ. से संपर्क करे।

  1. पेट में गैस की समस्या और एलर्जी

पेरासिटामोल का अधिक सेवन पेट में गैस की समस्या पैदा कर सकता है। अगर आपको भी पेट में भारीपन  महसूस हो रहा है। तो हो सकता है की ऐसा पेरासिटामोल के सेवन से हो रहा हो।  इसके अलावा कुछ लोगों को पैरासीटामॉल के अधिक सेवन करने से त्वचा पर लाल चकत्ते और एलर्जी हो जाती है, जिसमें खुजली या जलन भी होती है।

  1. अस्थमा की समस्या

ज्यादातर देखा जाता है कि हल्‍का सा बुखार होने पर ही  बच्‍चो  को पैरासीटामॉल दे देते  हैं। लेकिन कई शोधों से ये बात साबित हुई है कि 6-7 साल की उम्र में बच्चों को पैरासीटामॉल देने से  उनके शरीर में अस्थमा के लक्षणों को बढ़ावा मिलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी मानना है कि बच्चों को 101.3 °F बुखार होने पर ही पैरासीटामॉल देनी चाहिए।

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