‘द केरला स्टोरी’ की धमाकेदार सफलता बॉलीवुड के लिए एक मिसाल बन गई है. लेकिन इस सफलता के साथ ही फिल्म के कुछ हिस्से विवाद भी आए और इसने राजनीति को भी खूब हवा दी. विवादों को हवा देने वाली फिल्मों का ये सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है. यहां उन फिल्मों की सूची दी गई है जो आने वाले महीनों में काफी विवादों को जन्म दे सकती हैं।
साल के शुरुआती 6 महीने बीत चुके हैं और इस दौरान बॉलीवुड फिल्मों को लेकर काफी विवाद देखने को मिले हैं। मार्च में रिलीज हुई राजकुमार राव की फिल्म ‘भीड़’ से लेकर हालिया प्रभास की फिल्म ‘आदिपुरुष’ तक, फिल्म विवाद लगातार खबरों से लेकर सोशल मीडिया तक का तापमान बढ़ा रहे हैं। अदा शर्मा की ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर विवादों का पूरा सीजन चला और रिलीज के डेढ़ महीने बाद भी इससे जुड़ी कोई न कोई नई गड़बड़ी सामने आ जाती है। वहीं इसी बीच प्रभास की ‘आदिपुरुष’ का विवाद भी इतना बड़ा हो गया कि सिनेमाघरों में फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे।
इन सभी फिल्मों से जुड़े विवादों के बीच एक दिलचस्प बात ये भी हुई कि इन पर खूब राजनीति भी हुई. बल्कि यह कहना ज़्यादा सही होगा कि पिछले कुछ समय में फ़िल्मों की नैतिक या सामाजिक स्थिति को लेकर विवाद कम हुए हैं और राजनीतिक विवाद बढ़े हैं। एक समय था जब फिल्मों के विवाद भ्रष्ट नैतिक आचरण, बोल्ड कंटेंट या हिंसा को बढ़ावा देने को लेकर होते थे (ऐसा नहीं है कि यह सही भी था)। लेकिन शाहरुख खान की रिकॉर्डतोड़ ब्लॉकबस्टर ‘पठान’ का विवाद दीपिका पादुकोण की बिकिनी को लेकर नहीं बल्कि बिकिनी के रंग को लेकर था. और बिना समय गंवाए ये विवाद राजनीति के गलियारों में भी उठ गया. केंद्र में सत्तासीन बीजेपी हो या विपक्ष में बैठी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी…’पठान’ विवाद पर नेताओं ने लाल-पीले बयान दिए.
विवादित फिल्मों को लेकर लोगों ने अपनी सीमित राजनीतिक क्षमता में भी सोशल मीडिया पर खूब स्टैंड लिया. हालांकि इस दंगे की वजह से कई लोगों का फिल्म देखने का मूड भी खराब हो गया. लेकिन ये फिल्मी विवाद इतनी जल्दी आपके रियलिटी सिलेबस से बाहर नहीं जाने वाले हैं. अगर आपको सोशल मीडिया पर विवादित फिल्में स्कैन करने में मजा आता है तो यह अच्छी खबर है। और अगर आपका मूड इससे परेशान है, तो चेतावनी! अगले कुछ महीनों में बॉलीवुड से कई ऐसे प्रोजेक्ट आने वाले हैं, जो विवादों के मैदान में तगड़ी टक्कर पैदा करने की पूरी क्षमता रखते हैं।
आइए बताते हैं इन फिल्मों के बारे में:
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गदर
सनी देओल पिछले एक दशक में उतने कामयाब नहीं हुए, जितने उनके दौर के कई एक्टर्स अभी भी हैं. लेकिन ‘गदर 2’ को सनी के लिए करियर बदल देने वाली फिल्म माना जा रहा है. 2001 में रिलीज हुई ‘गदर’ आज भी इंडिया की सबसे कामयाब फिल्मों में से एक है. इसके बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड्स को इन 22 सालों में भी बहुत कम ही फिल्में छू सकी हैं. ऐसे में ‘गदर 2’ का इंतजार जनता को बहुत बेसब्री से है. लेकिन इस फिल्म के हिस्से के विवाद शूट के समय से शुरू हैं.
‘गदर 2’ की टीम ने पंचकूला के गुरुद्वारा श्री कुहनी साहिब में फिल्म की टीम ने शूट किया था. लेकिन गुरूद्वारे की मैनेजमेंट कमिटी ने आरोप लगाया कि मेकर्स ने उनसे एक बैसाखी सीक्वेंस के शूट के लिए इजाजत मांगी थी. लेकिन गुरूद्वारे के अंदर एक्टर्स कुछ ऐसा करते दिखे जो ‘अनुचित’ था. मेकर्स ने कहा कि एक्टर्स को गुरूद्वारे में ‘किस और हग’ करते देखा गया और इससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है.
‘गदर 2’ का अभी टीजर ही आया है और इसे देखने के बाद लोगों को अंदेशा है कि ये पाकिस्तान में सेट कहानी दिखाने के एवज में, एक धर्म विशेष पर टिप्पणी कर सकती है. हालांकि, ऐसा कुछ है या नहीं, ये तो फिल्म आने के बाद ही पता चलेगा. सनी देओल खुद भी भाजपा सांसद हैं. ऐसे में ‘गदर 2’ से जुड़ा कोई भी विवाद, राजनीति के गलियारों से ज्यादा दूर नहीं रहेगा.
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72 हूरें
नेशनल अवार्ड विनर डायरेक्टर संजय पूरण सिंह चौहान की इस फिल्म का टीजर कुछ समय पहले आया था. इस टीजर वीडियो में ओसामा बिन लादेन, अजमल कसाब, मसूद अजहर, हाफिज सईद और याकूब मेमन जैसे कई आतंकवादियों की तस्वीरें और बयान हैं. इसे देखने के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने आरोप लगाया कि ये एक प्रोपेगंडा फिल्म है. आरोपों में यह भी कहा गया कि इसकी कहानी सांप्रदायिक टेंशन को बढ़ा सकती है. फिल्म की रिलीज डेट 7 जुलाई है और मेकर्स ने इसे 10 भाषाओं में रिलीज करने की बात कही है.
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इमरजेंसी
कंगना रनौत ‘इमरजेंसी’ में न सिर्फ लीड रोल में हैं, बल्कि वो फिल्म की डायरेक्टर भी हैं. नवंबर में रिलीज होने के लिए बनी इस फिल्म का टीजर हाल ही में आया है. फिल्म के टीजर में एक सवाल है ‘पीएम या तानाशाह?’ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जीवन से जुड़ी कहानी दिखाती इस फिल्म को लेकर भी काफी सवाल उठ रहे हैं. देश में लगा आपातकाल, एक ऐसा पन्ना है जो हमेशा विवादों में रहा है. 24 नवंबर को फिल्म थिएटर्स में रिलीज होगी. इसके पहले से ही फिल्म पर विवाद उठना तय नजर आ रहा है.
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ओह माय गॉड 2- OMG 2
बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार की फिल्म ‘OMG’ एक जोरदार सटायर थी. इसकी कामयाबी के बाद मेकर्स ने फिल्म का सीक्वल बनाने का फैसला किया. पहली फिल्म में अक्षय ने भगवान कृष्ण का रोल किया था. OMG 2 के पोस्टर में वो भगवान शिव के गेटअप में नजर आए. 2021 में जब उन्होंने फिल्म के पोस्टर शेयर किए, तभी सोशल मीडिया पर जनता ने इन पोस्टर्स की आलोचना करनी शुरू कर दी.
लोगों ने यहां तक आरोप लगाए कि अक्षय का भगवान शिव बनना उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है. फिल्म के सेट से सामने आई कई तस्वीरों में भी अक्षय, भगवान शिव के गेटअप में नजर आए थे. 2022 में अक्षय की फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ का बहुत तगड़ा विरोध हुआ था. ऐसे में OMG 2 में उनका ये अवतार विवाद करवाने की पूरी क्षमता रखता है. ये फिल्म 11 अगस्त को थिएटर्स में रिलीज होगी.
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बस्तर
‘द केरला स्टोरी’ के मेकर्स ने 26 जून को अपनी अगली फिल्म हाल ही में अनाउंस की, जिसका टाइटल है ‘बस्तर’. डायरेक्टर सुदिप्तो सेन ने फिल्म का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा, ‘छत्तीसगढ़ में बस्तर जिले के दंतेवाड़ा में, चिन्तलनेर गांव में आतंकियों के सबसे खूनी हमले में 76 CRPF जवानों और 8 निरीह गांववालों की मौत हो गई थी. ठीक 14 साल बाद पोएटिक जस्टिस होगा.’ छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा इलाका नक्सली गतिविधियों से बहुत प्रभावित रहा है. और नक्सलवाद अपने आप में एक बहुत विवादित पॉलिटिकल मुद्दा रहा है. ‘द केरला स्टोरी’ के मेकर्स का इस कहानी में हाथ डालना ही विवादों, को न्योता देना है.
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टीपू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक बनाने वाले प्रोड्यूसर संदीप शर्मा ने अपनी फिल्म ‘टीपू’ का पोस्टर शेयर किया, तो विवाद शुरू हो गया. ये फिल्म मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान पर बेस्ड बताई जा रही है. फिल्म के पोस्टर में टीपू सुल्तान के चेहरे पर स्याही सी फेंकी हुई नजर आ रही थी और साथ में टैगलाइन थी- ‘एक कट्टर सुल्तान की कहानी’. इस पोस्टर को देखकर कई लोगों ने आरोप लगाया कि ये फिल्म एक विशेष समुदाय को टारगेट करते हुए बनाई जा रही है.
‘टीपू’ के डायरेक्टर पवन शर्मा ने विवाद के बाद दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ‘स्कूलों में हमें टीपू सुल्तान के बारे में जो कुछ पढ़ाया गया वो गलत जानकारी है.’ उन्होंने टीपू सुल्तान को अपने दौर का ‘हिटलर’ भी कहा. ‘टीपू’ की रिलीज इसी साल के लिए अनाउंस की गई है और इसके आने पर विवाद न हो, ये बहुत मुश्किल नजर आ रहा है.
7.गोधरा
मई के अंत में डायरेक्टर एम.के. शिवाक्ष की फिल्म ‘गोधरा’ का टीजर आया. 2002 में गोधरा रेलवे स्टेशन पर, साबरमती एक्सप्रेस के S6 कोच में आग लगाने की घटना और इसके बाद के हुए दंगे, आज भी राजनीति के सबसे विवादित मुद्दों में से एक हैं. ‘गोधरा’ का टीजर इस घटना पर सवाल करते हुए पूछता है- ‘दुर्घटना या षड्यंत्र?’ गोधरा कांड पर बनी इस फिल्म की रिलीज डेट अनाउंस नहीं की गई है. लेकिन इसकी रिलीज ‘जल्द ही’ बताई गई है. इस टॉपिक पर फिल्म बनने पर विवाद न हो और उसपर राजनीति का रंग न चढ़े, ये लगभग असंभव सी बात है.
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द वैक्सीन वॉर
‘द कश्मीर फाइल्स’ के मेकर्स की अगली फिल्म कोविड काल के दौरान, महामारी की वैक्सीन खोजने की रेस पर है. ये फिल्म भारत में कोविड 19 की वैक्सीन खोजे जाने को हाईलाइट करेगी. वैक्सीन की खोज, और कोविड वैक्सिनेशन का पूरा प्रोसेस तगड़ी पॉलिटिकल बहसों का मुद्दा था. ऐसे में फिल्म, इस बहस के विपक्ष में बैठे लोगों पर कमेन्ट न करे, ये मुश्किल है. डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री वैसे भी अपनी पिछली फिल्मों में कुछ बोल्ड कमेंट्स करते आए हैं जिनपर काफी विवाद होता रहा है. फिर चाहे वो ‘द ताशकंद फाइल्स’ हो या फिर ‘द कश्मीर फाइल्स’.
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द इंडिया हाउस
विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर, भारत के इतिहास और राजनीति की सबसे चर्चित और विवादित हस्तियों में से एक हैं. केंद्र में शासन कर रही बीजेपी उन्हें अपना आदर्श मानती है. जबकि एक राजनीतिक धड़ा उनकी विचारधारा के विरोध में भी रहता है. तेलुगू इंडस्ट्री के स्टार निखिल सिद्धार्थ उस इंडिया हाउस की कहानी पर बेस्ड है, जिसे सावरकर ने लंदन में रहते हुए एक नया तेवर दिया था. वो हथियारों के जरिए क्रान्ति लाने में विश्वास करते थे और उन्होंने इंडिया हाउस से जुड़े क्रांतिकारियों को बम बनाने की तकनीकें सिखानी शुरू की थीं. ‘द इंडिया हाउस’ उसी दौर की कहानी है और इस कहानी में सावरकर के किरदार के बिना वजन आना असंभव है. सावरकर का नाम जुड़ते ही फिल्म का विवादों में आना तय हो गया था. ये फिल्म 12 अगस्त 2023 को थिएटर्स में रिलीज होगी.
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स्वातंत्र्य वीर सावरकर
जिन सावरकर का नाम आने की वजह से ‘द इंडिया हाउस’ पॉलिटिकल विवाद का हिस्सा बन सकती है, रणदीप हुड्डा उनकी बायोपिक ही लेकर आ रहे हैं. वो न सिर्फ फिल्म में लीड रोल कर रहे हैं, बल्कि फिल्म के डायरेक्टर भी हैं. ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ का टीजर कुछ दिन पहले आया था और इसमें हुड्डा के काम से जनता बहुत इम्प्रेस हुई. हालांकि, टीजर में लिखी कुछ लाइनों की वजह से सोशल मीडिया में इसपर बहस भी छिड़ गई थी. फिल्म के टीजर में मेकर्स ने दावा किया है कि भगत सिंह, खुदीराम बोस और सुभाष चंद्र बोस, सावरकर से प्रेरित थे. इस दावे पर जहां लोगों ने हैरानी जताई, वहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार ने ऐसा दावा करने के लिए मेकर्स की आलोचना भी की थी.
देश में 2024 के मध्य में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऊपर हमने जिन फिल्मों की बात की उनमें से अधिकतर की रिलीज अप्रैल 2024 तक के लिए अनाउंस हैं. जिनकी रिलीज डेट अभी अनाउंस नहीं हुई है, उनकी तयारी भी बताती है कि वे अप्रैल-मई से तक रिलीज के लिए तैयार होंगी. इन फिल्मों को जहां गर्म चुनावी माहौल से फायदा मिलने का पूरा चांस है. वहीं, ये भी ऑलमोस्ट पक्का है कि इन फिल्मों से उठी आंच पर तैयार भाप चुनावी माहौल का तापमान और बढ़ाएगी.