नया साल शुरू हो चूका है और साल का एक दिन भी निकल गया है। नया साल आते ही कैलेंडर में तो बदलाव होता है उसी के साथ बहुत कुछ बदल जाता है। इस बार नया साल कुछ ऐसे बदलाव लेकर आया है जिसका असर आपकी ज़िन्दगी पर देखने को मिलेगा। कुछ लोग इस बात से बेखबर है की कौनसे बदलाव हुए है। लेकिन उन नियमो को जान लेना भी जरुरी है। अगर आपको इन नियमो की जानकारी नहीं है तो आपको कई तरह की परेशानिया उठानी पड़ सकती है। ऐसे कौनसे बदलाव है आइये यहां जान लीजिये।
इनकम टैक्स रिटर्न पर जुर्माना दोगुना
इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त थी। जो लोग इस तारीख पर इनकम टैक्स नहीं भर पाए उनके लिए 5,000 रूपए के जुर्माने के साथ रिटर्न फाइल करने की तारीख 31 दिसम्बर थी। अब की बार 2017-18 का इनकम टैक्स रिटर्न भरने पर अब जुर्माना बढ़ कर दस हज़ार रूपए हो गया है। तो जिन लोगो ने ३१ दिसम्बर तक आरटीआई फाइल नहीं किया है। उन लोगो को अब 5,000 के बजाय 10,000 रूपए बतौर जुर्माना देने होंगे। इसका मतलब यह है की लेट रिटर्न फाइल करने के 5,000 और भुगतान करने होंगे। अब 10,000 रूपए जुर्माने के साथ रिटर्न 31 मार्च तक भरा जा सकता है।
अपना एटीएम कार्ड बदल ले
नए साल यानी की 1 जनवरी 2019 से एटीएम कार्ड में भी बदलाव कर दिए है। अब आपको अपना पुराना एटीएम कार्ड बैंक जाकर बदलवाना पड़ेगा। अभी तक तो काली पट्टी वाले एटीएम कार्ड ज्यादा चलन में थे यानी की महनतिक स्ट्रिप वाले। लेकिन आपको बता दे की 31 दिसम्बर से मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले एटीएम कार्ड के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
अब या तो आपको अपने बैंक की शाखा में जाकर या फिर ऑनलाइन आवेदन करके मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले डेबिट और क्रेडिट कार्ड को ईएमवी यानी यूरोप, मास्टरकार्ड और वीजा आधारित चिप कार्ड में बदलना पड़ेगा। बैंक यह कार्ड फ्री में देंगे।
सीटीएस चेक बुक चलेगी
रिज़र्व बैंक के निर्देश के मुताबिक 1 जनवरी, 2019 से नॉन-सीटीएस चेकबुक बेकार हो गई हैं। अब सिर्फ सीटीएस यानी चेक ट्रंकेशन सिस्टम की नई चेकबुक चलेंगी। अगर आप पुरानी चेकबुक इस्तेमाल कर रहे हैं। तो अपने बैंक जाकर सीटीएस चेकबुक जारी कराएं। नई चेकबुक में बाईं ओर सीटीएस-2010 लिखा रहता है। रिज़र्व बैंक ने करीब तीन महीने पहले इस संबंध में बैंकों को निर्देश दिए थे। बैंक लगातार अपने ग्राहकों से पुराने चेक बुक सरेंडर करने और सीटीएस की नई चेकबुक जारी करने की अपील कर रहे थे। नई चेक ज्यादा सुरक्षित है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक इमेज कैप्चर होती है। इसे फिजिकल चेक की तरह एक से दूसरे बैंक में क्लियरेंस के लिए भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नई चेक को कॉपी करना या स्कैन करके फर्जी चेक बनाना मुश्किल होगा। इस चेक में अमाउंट वाली जगह अब रुपए का सिंबल भी होगा।
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