जैसा की आप जानते हैं की आजकल गर्मी के तेवर कुछ ज्यादा ही तीखे होते जा रहे हैं। ऐसे में आपको गर्मियों में होने वाली बिमारियों से बचकर रहना चाहिए जैसे खासी-जुखाम, सिर दर्द ,बुखार आदि। इन सब के अलावा गर्मियों में पांच बीमारी कुछ बेहद गंभीर और खतरनाक होती हैं। इनमें जरा सी लापरवाही करने पर ये नासूर भी बन सकती हैं।
गर्मी का मौसम धूप, उमस और चिपचिपाहट से भरा होता है। साथ ही यह कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। इनमें जरा सी लापरवाही करने पर ये नासूर भी बन सकती हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में जिनसे आपको सावधान रहने की जरूरत है जैसे :
टायफॉइड
गर्मी आते ही सबसे ज्यादा लोग टायफॉइड से ग्रसित होते हैं। अनजाने में कई बार लोग इसे सिर्फ बुखार समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिस वजह से यह समस्या कई बार ज्यादा घातक साबित हो सकती है। आपको इस बीमारी के लक्षणों को अच्छे से जान लेना चाहिए जैसे तेज बुखार, भूख नहीं लगना, हर समय उल्टी महसूस होना और खांसी जुकाम होना। इस बीमारी से बचाव के लिए आपको खाने-पीने की चीजों में स्वच्छता का खास ख्याल रखना होगा। बाहर का ऑयली फुड न खाएं। इससे बचने के लिए आप टीकाकरण भी करा सकते हैं।
घेंघा
गर्मी के मौसम में लोगों को घेंघा की शिकायत बहुत होती है। इसकी वजह है थॉयराइड ग्लैंड के बढ़ जाना। इस रोग का पता गर्दन में सूजन आने से लगता है। घेंघा से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई और खांसी की परेशानी होती है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए तो वक्त रहते अपना इलाज करना चाहिए।
खसरा
खसरा एक वायरल बीमारी होती है, जो सांस के जरिए फैलती है। इसका संक्रमण अधिकतर छोटे बच्चों में फैलता है। अगर घर में किसी को खसरा हो तो दूसरे लोगों को दूरी बरतने की जरूरत होती है। इस बीमारी में शरीर पर लाल रंग के छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। इस बीमारी से बचने के लिए टीकाकरण एक मात्र उपाय है।
पीलिया
पीलिया गर्मियों के दिनों में अधिकतर होने वाली बीमारी है। इसे हेपेटाइटिस ए भी कहा जाता है जिसमे शरीर में खून की कमी हो जाती है, जिससे शरीर पीला पड़ने लगता है। इसके अलावा पाचन तंत्र भी कमजोर हो जाता है। गर्मी में दूषित खाना और पानी का सेवन नहीं करना चाहिए । पीलिया होने पर स्वच्छता का बहुत ध्यान रखना चाहिए। इस बीमारी में उबला हुआ खाना और पानी पीना चाहिए।
चेचक
गर्मी के दिनों में चेचक का संक्रमण ज्यादा फैलता है। इस रोग में शरीर पर लाल दाग हो जाते हैं व सिरदर्द और बुखार की शिकायत भी रहती है। इस बीमारी के लक्षण हैं गले में खराश होना, खांसी और छींके आना , जिससे यह रोग दूसरों में भी फैल जाता है। इससे बचाव के लिए टीके लगाए जाते हैं और ध्यान रहे की जब बाहर से घर आएं अपने हाथों और पैरों को जरूर धोएं।
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