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अगर आपकी उम्र भी 30 के पार हो गई है तो करवाए यह 5 जरुरी टेस्ट

after age 30 take a medical checkup with 5 tests

भागदौड़ भरी जिंदगी और बढ़ती उम्र के साथ शरीर में बहुत से हार्मोनल चेंज आते है। अगर हम इस बात में पुरुषो की तुलना महिलाओ से करे तो महिलाओ के शरीर में ज्यादा बदलाव आते है।  इसी के साथ में महिलाओ का जीवन ज्यादा कठिन होता है। इसी वजह से पुरुषो की अपेक्षा में महिलाओ को ज्यादा बीमारिया होती है।

इसी वजह के चलते उन्हें अपने स्वास्थ्य की कुछ ज्यादा देखभाल करनी चाहिए।अगर महिलाए अच्छी सेहत बनाये रखना चाहती है तो उन्हें समय समय पर कुछ जरुरी और महत्वपूर्ण टेस्ट कराते रहना चाहिए।  आज के लेख में हम आपको बतायेगे कि वो कौन से जरुरी टेस्ट है।

मेमोग्राम-

अधिकतर महिलाओ को ब्रैस्ट कैंसर का खतरा बना रहता है। मेमोग्राम एक ऐसा टेस्ट है जो इस बिमारी की एक दम सही और सटीक जांच देता है। ऐसे तो ब्रैस्ट कैंसर और ट्यूमर की जांच के लिए मेडिकल साइंस ने कई सारे टेस्ट बताए जाते है।  मेमोग्राम स्थानों का एक्स- रे होता है। सूत्रों के मुताबिक पता लगा है कि यह स्तनों के कैंसर की जांच करने का सबसे बेहतरीन तरीका है। अगर स्तन के कैंसर से बचाव करना है तो 30 की उम्र के बाद में प्रतिवर्ष मेमोग्राम करवाना चाहिए।

बोन डेंसिटी टेस्ट-

जब हड्डिया कमजोर हो जाती है तो इनके टूटने की संभावना बढ़ जाती है। अगर थोड़ा सा भी छोटा मोटा झटका लगता है तो इनके टूटने के चान्सेस बढ़ जाते है। जिसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपीनिया जैसी कई बीमारियों का खतरा बना रहता है। गलत खान पान की वजह से यह समस्या 20 से 30 साल की उम्र की लड़कियों में भी देखी जाती है।

एचपीवी यानी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस-

एचपीवी का मतलब होता है ह्यूमन पेपिलोमा वायरस। पेपिलोमा एक बहुत ही ख़ास प्रकार का मस्सा होता है। यह किसी विशेष प्रकार के एचपीवी से फैलता है। यह बहुत ही खतरनाक वायरस होता है जो कि तेजी से फैलता है। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस संक्रमण एक ऐसा संक्रमण है जिसके लक्षण आम तौर पर नजर नहीं आते है। कई बार ऐसा देखा गया है कि यह संक्रमण स्वतः ही ठीक हो जाता है। लेकिन अगर यह गंभीर रूप ले लेता है तो सर्वाइकल कैंसर का खतरा बन जाता है।

थायराइड-

जब थायराइड में वजह बढ़ता है तो हार्मोन असंतुलन भी हो जाते है। एक स्टडी में इस चीज़ का दावा हुआ है कि पुरुषो की तुलना में महिलाओ में थायरॉइड का विकास दस गुना ज्यादा होता है। इसका मुख्य कारण यह है कि महिलाओ में ऑटोम्यून्यून की समस्या जाती होती है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक कहा जाता है कि थायरायड हार्मोन शरीर के अंगो के सामान्य कामकाज के लिये बहुत जरुरी होता है।

हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण होते है वजन घटना, गर्मी बिलकुल नहीं झेल पाना, ठीक से नींद ना आना, बहुत प्यास लगना, बहुत ज्यादा मात्रा में पसीना आना, हाथ पैरो का कापना, दिल का तेजी से धड़कना, कमजोरी, चिंता एवं अनिंद्रा शामिल है। इसी के साथ में हाइपोथायरायडिज्म में सुस्ती, थकान, कब्ज, धीमी हृदय गति, ठंड, सूखी त्वचा, बालों में रूखापन, अनियमित मासिकचक्र और इन्फर्टिलिटी के लक्षण दिखाई देते हैं।

पैप स्मीयर-

गर्भाशय के कैंसर का पता लगाने के लिए एक विशेष जांच की जाती है। उस जांच को पैंप स्मीयर कहा जाता है। स्तन कैंसर के बाद सर्विक्स कैंसर दूसरी ऐसी बीमारी है जो आजकल महिलाओं को अपना शिकार बना रही हैं। 30 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओ को पैंप स्मीयर टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।

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